Camera Setting And White Balance In Hindi

Camera Setting And White Balance In Hindi


 वेलकम दोस्तों फोटोग्राफी स्किल में आपका स्वागत है। इस सेक्शन में हम आपको ये बताएंगे कि जो हमारे जो कैमरे होते हैं उसमें बेसिक जो सेटिंग्स होती है, जो सात मोस्ट इम्पोर्टेन्ट सेटिंग्स होती है, एक फोटोग्राफी के लिए वो किस तरीके की होती है? सबसे पहली सेट्टिंग इमेज क्वालिटी?


हमेशा दोस्तों आप जब भी प्री वेड्डिंग फोटो शूट करें तो आप जे पी जी और कैमरा रॉ या फिर जे पी जी एंड रॉ दोनों में शूट करें। अगर आपके पास दोनों आपने दोनों क्वालिटी पे शूट किया हुआ है, अगर आपने दोनों इमेज क्वालिटी में शूट करके रखा हुआ है तो आपके पास एडिटिंग के ऑप्शन्ज़ ज्यादा हो जाते हैं। आप बहुत अच्छे से बाद में पोस्ट प्रोसेसिंग में अपने फोटो में जो भी कमियां आई हैं उन्हें सुधार सकते हैं। अगर आपने कैमरा रॉ पर खींच हुआ है तो दोस्तों इमेज क्वालिटी आपको जे पी जी एन रॉ दोनों में शूट करना है। 



दोस्तों सेकंड जो सेट्टिंग है हमारी वो है आई एस ओह सेंसिटिविटी आइए दोस्तों, मैं आपको आई एस ओह सेंसिटिविटी के बारे में बताऊँ जैसा कि आप स्लाइड में देख रहे हैं कि इंडोर में जब हम आई एस  इंडोर में जब ISO सेंसिटिविटी की बात आती है तो इंडोर में हम आई एस ओह सेंसिटिविटी को ऑफ रखते हैं। अगर हम फ्लैश या फिर लाइट या स्ट्रोबेलाइट के साथ हम इंडोर पे शूट कर रहे हैं, आउटडोर में भी सेम कंडीशन है। अगर आप स्टूडियो राइट चूस कर रहे हैं या फ्लैशेस यूज़ कर रहे हैं तब आपको आई एस ओह सेंसिटिविटी जो है उसे ऑफ रखना है। अगर दोस्तों आप आउटडोर पर शूट कर रहे हैं और अगर आप विथाउट फ्लैश शूट कर रहे हैं और अगर आपको IOS से खेलना आता है, आप चाहते हैं कि आपका जो आई एस ओह है, एक फिक्स आई एस ओह आपसाइड करते हैं। जैसा कि यहाँ पे देखिए, निकॉन के कैमरे की ये सेट्टिंग मैं आपको बता रहा हूँ यहाँ पे लिखा हुआ है आई एस ओह सेंसिटिविटी ऑटो कंट्रोल यहाँ पे अगर इसमें आपने आई एस ओह सेंसिटिविटी ऑटो कंट्रोल को ऑन करके रखा हुआ है और अगर आप ने यहाँ पे मैक्सिमॅम सेंसिटिविटी 3200 जैसे है इसके बदले आपने अगर आपको ये लगता है कि आप अपने कैमरे में 1600 ISO  में फोटो खींचें खींच सकते हैं। 1600 ISO का आप अपने कैमरे में आसानी से जा सकते हैं, तब आपको क्या करना चाहिए? आप आई एस ओह सेंसिटिविटी को ऑन कर दीजिए। अगर आप विथाउट फ्लैश खींच रहे हैं तो अगर आप विथाउट फ्रेश फोटोग्राफी कर रहे हैं और आपको आई एस ओह में ज्यादा दिमाग नहीं लगाना है और आपको ये पता है कि आपका कैमरा 1600 ISO तक आसानी से जा सकता है बिना किसी ग्रेन्स या नॉइज़ के तब दोस्तों मैं क्या करता हूँ? यहाँ पर मैं करता हूँ आई एस ओह सेंसिटिविटी को ऑन कर देता हूँ मैक्सिमॅम सेंसिटी जितना मुझे लगता है कि मेरा कैमरा आसानी से बिना नॉइज़ और ग्रेन्स के इतने आई एस ओह में फोटो दे देता है उतनी में आई एस ओह सेंसिटिविटी में मैक्सिमम सेंसिटिविटी को सेट करता हूँ लाइक। इसमें मैंने 3200 दिखाया हुआ है। मिनिमम शटर स्पीड दोस्तों में 1/68 का रखता हूँ। 1/6 एयठ की स्पीड है उसमें हमारा हैंड शेक होने का चान्सेस बहुत कम होते हैं तो ये मेरी विथाउट फ्लैश की जब मैं फोटो शूट करता हूँ आउटडोर में तब मैं इस तरीके की सेटिंग रखता हूँ। तो दोस्तों, अब हम हमारे कैमरे में तीसरी सेटिंग की तरफ बढ़ते हैं। तीसरी सेट्टिंग में फोकस मोड जब भी आप किसी स्टिल पोज़ीशन पे फोटो शूट करें या इंडोर हो या फिर आउटडोर हो या फिर आप किसी भी फोटो में अगर आप स्टिल पोज़ीशन पे शूट कर रहे हैं।



दोस्तों तीसरी हमारे कैमरे में जो तीसरी मोस्ट इम्पोर्टेन्ट सेट्टिंग है वो है फोकस मोड दोस्तों, पहले ही मैं आपको बता चुका हूँ कि सेटिंग्स कभी भी फिक्स नहीं होती है। हमेशा हर फोटोस में हर शॉट्स में आपको हो सकता है सेट्टिंग चेंज करनी पड़े। फिर भी तीसरी जो सेट्टिंग होती है, जिसे हम बीच बीच में चेंज कर सकते हैं, वो जो सेट्टिंग है वो है फोकस मोड। अगर आपको इस स्टील फोटो खींच रहे हैं स्टिल लाइक अगर आपका जो सब्जेक्ट है वो मूव नहीं कर रहा है। वो एक जगह पे बैठा हुआ है या फिर एक जगह पर आपने खड़े होकर उसे पॉज़िंग करवाई हो तब आपको ए ऑफ़ एस मोड में शूट करना चाहिए। यानी कि ऑटो फोकस सिंगर पॉइंट मोड में आपको शूट करना चाहिए। अगर आप का जो सब्जेक्ट है वो रनिंग कर रहा है या मूव कर रहा है, आगे हो रहा है, पीछे हो रहा थोड़ा सा वो वाकिंग कर रहा है तब आपको ए ऐफ़ सी का यूज़ करना चाहिए। आपको ऑटो फोकस कंटिन्यूवस्स मोड पे फोटोशूट करना चाहिए।



 दोस्तों हमारी चौथी सेट्टिंग है अक्टिव डी लाइट या फिर आप कैनन में जाए तो ऑटो लाइटिंग ऑप्टिमाइजर अक्टिवेट का यूज़ हम कब करते हैं दोस्तों अगर हमारे कैमरे में जब हम फोटो शूट कर रहे हैं और अगेंस्ट लाइट या सामने से जो लाइट आ रही है वो पावरफुल हो। हमारे सब्जेक्ट पे जो लाइट पड़ रही है उसके अलावा जो हमारे ऑपोजिट लाइट जो आ रही है फिर बेक से जो लाइट आ रही है वो पावरफुल हो। तब हम क्या करते हैं? अक्टिव डी लाइट का यूज़ करते हैं ये नहीं दोस्तों हमारे कैमरे की कैमरा सेटिंग में चौथी सेटिंग आइए अब हम पांचवें सेटिंग की तरफ चलते हैं।



तो हमारे कैमरे में पांचवें नंबर की सेट्टिंग है प्लेबैक फोल्डर प्लेबैक फोल्डर ये वो सेट्टिंग है कई बार दोस्तों क्या होता है की हम जब फोटो शूट कर रहे होते हैं तब हमारा कार्ड फुल हो जाता है और जब कार्ड फुल हो जाता है तब हम क्या करते हैं? किसी दूसरे कैमरे की के कार्ड को सडेनली निकाल के उस कैमरे में फिट कर देते हैं या उस कैमरे में डाल देते हैं और कई बार ये होता है। जब हम उसमें प्ले का बटन देखते हैं तो उसमें कोई भी फोटो नहीं दिखाई होती है। जबकि कई बार ऐसा होता है कि जीस दूसरे कैमरे का कार्ड हमने उसमें डाला था। उसके उस कैमरे में भी काफी इम्पोर्टेन्ट या महत्वपूर्ण फोटो हमने पहले से ही खींच रखी थी जो हमने प्लेबैक फोल्डर में करेंट या अगर जीस का मॉडल है जो कैमरा में यूज़ कर रहे हैं सिर्फ उसी को हमने सेलेक्ट करके रखा हुआ है तो उसमें वो दिखाई नहीं देता है। यहाँ पर दोस्तों आपको प्लेबैक फोल्डर में हमेशा ऑल का ऑप्शन सेलेक्ट करके रखना है ताकि दूसरे कैमरे के चिप की भी जो फोटो होती है। दूसरे कैमरे के कार्ड की भी जो फोटो होती है वो आपको बहुत आसानी से दिख सके और आप जाने अनजाने में किसी दूसरे के फोटोस को डिलीट ना करें या किसी इम्पोर्टेन्ट फोटो को आप एरिये ना कर दे। इसलिए आपको हमेशा प्लेबैक फोल्डर में जाके ऑल पे सेलेक्ट करना





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